भिंड के गोहद से पूर्व विधायक और भाजपा सरकार में मंत्री रहे लाल सिंह आर्य को कांग्रेस के तत्कालीन विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में बरी कर दिया गया है। यह फैसला शनिवार को भोपाल की विशेष अदालत ने सुनाया। लाल सिंह आर्य को भिंड की जिला अदालत ने 2017 में आरोपी बनाया था।
गोहद के पास एक गांव में जाटव की हत्या कर दी गई थी
2009 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गोहद के पास एक गांव में जाटव की हत्या कर दी गई थी। भिंड की जिला अदालत के फैसले के खिलाफ लाल सिंह आर्य हाईकोर्ट पहुंचे थे। हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को जिला अदालत का फैसला खारिज कर दिया था। 2017 में लाल सिंह आर्य विधायक थे, इसलिए यह केस भोपाल जिला अदालत स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट स्थानांतरित हो गया। लाल सिंह आर्य को बरी करने के साथ ही कोर्ट ने इस हत्याकांड के केस को वापस भिंड अदालत में भेज दिया है।
जाटव के बेटे ने की थी मांग
भिंड की जिला अदालत में माखनलाल जाटव के बेटे रणवीर सिंह ने आवेदन दिया था कि उनके पिता की हत्या के मामले में मंत्री आर्य को आरोपी बनाया जाए। क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथ छिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात 8 बजे पिता की हत्या कराई थी। इस मामले में लाल सिंह आर्य के मंत्री रहने के दौरान उनके खिलाफ 6 बार जमानती वारंट जारी हुए थे। फिर भी लाल सिंह आर्य पेश नहीं हुए थे, इसके बाद अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था तब जाकर आर्य ने सरेंडर किया था।